Types of Verbs

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अध्याय 6

क्रिया के रूप

अंग्रेज़ी के वाक्य में आपको काल के अनुसार अथवा आवश्यकतानुसार क्रिया के योग्य रूप का प्रयोग करना पड़ता है. किस परिस्थिति में क्रिया का कौन सा रूप प्रयोग में आता है, यह जानकारी जितनी आवश्यक है, उतना ही क्रिया के रूपों को बनाना आना भी ज़रूरी है. इसलिए आगे आने वाली जानकारी ठीक से याद होने तक बीच बीच में इसे पढ़ते रहें.

लगभग सभी क्रियाओं के चार रूप होते हैं. पहला रूप, दूसरा रूप, तीसरा रूप और चौथा रूप (अर्थात ing रूप).

किसी भी क्रिया का चौथा रूप बनाना सबसे आसान है. क्रिया को सिर्फ ing लगाइए और बन गया चौथा रूप, जैसे, go-going, read – reading, flow – flowing.

सिर्फ इतना ध्यान रहे कभी कभी ing लगाते वक्त स्पेलिंग में थोड़ा सा परिवर्तन होता है. जैसे, क्रिया के अंत में e हो तो e निकाल कर ing लगाते हैं. उदा. come + ing = coming, write + ing = writing, hide + ing = hiding.

इसी प्रकार (एक syllable के) क्रिया के आखिरी अक्षर के पूर्व यदि स्वर हो तो उस क्रिया में ing लगाते वक्त अंतिम अक्षर दो बार आता है. जैसे, stop + ing = stopping, sit + ing sitting, run + ing = running.

नोट :- syllable का अर्थ degree इस प्रकरण में स्पष्ट किया गया है.

क्रिया के अंत में ie हो तो ie का y होता है.
जैसे, lie + ing = lying, die + ing = dying.

और एक बात :- क्रिया के अंत में y होने पर ing लगाते वक्त y को नहीं हटाया जाता. सिर्फ ing लगाया जाता है. जैसे, try + ing = trying, study + ing = studying, worry + ing = worrying, carry + ing = carrying.

अब क्रिया के पहले (अर्थात मूल) रूप से दूसरा और तीसरा रूप कैसे बनता है, यह देखेंगे.1. क्रिया के पहले रूप से दूसरा रूप बनाने के लिए पहले रूप में ed यह प्रत्यय लगाया जाता है. दूसरा और तीसरा रूप बनाना इतना आसान है. देखिए :-

startstartedstarted
washwashedwashed
finishfinishedfinished
rainrainedrained
openopenedopened
pickpickedpicked

2. क्रिया के पहले रूप के अंत में e हो तो दूसरा व तीसरा रूप बनाते वक्त वे लगाया जाता है.

likelikedliked
tiretiredtired
changechangedchanged
lovedloveloved

3. क्रिया के अंत में यदि y हो तो y का i कर के फिर ed लगाया जाता है. जैसे,

trytriedtried
crycriedcried
studystudiedstudied
carrycarriedcarried

लेकिन y के पूर्व यदि स्वर हो (यानी a,e,i,o या u) तो सिर्फ ed लगेगा. जैसे,
play – played -played
obey -obeyed – obeyed4. क्रिया के पहले रूप के अंतिम अक्षर के पूर्व यदि एक स्वर हो (ध्यान दें एक स्वर) तो उसका दूसरा व तीसरा रूप करते वक्त अंतिम अक्षर की पुनरावृति कर के ed लगाते हैं.
stop -stopped – stopped
rob -robbed -robbed
लेकिन cook-cooked cooked (cook में अंतिम अक्षर के पूर्व दो स्वर हैं).

शब्दों के अंतिम अक्षर की पुनरुक्ति के संबंध में विस्तृत जानकारी इसी किताब में स्पेलिंग के नियम इस शीर्षक के अंतर्गत उपलब्ध है.

यह हुआ पहले रूप से दूसरा और तीसरा रूप बनाने का तरीका. लेकिन यह पहला रूप क्या है ?

क्रिया का पहला रूप यानी क्रिया का मूल रूप. जैसे, लिखने के लिए यदि आपको कोई अंग्रेज़ी शब्द पूछे तो आप उसे write यह शब्द बताएंगे, wrote या written नहीं, उसी तरह खोलने के लिये अंग्रेज़ी शब्द आप open बताएंगे, opened या opening नहीं, write और open ये शब्द क्रिया के पहले रूप हैं. इससे यह समझ में आता है कि क्रिया दर्शाने वाले मूल शब्द को क्रिया का पहला रूप कहते हैं.

अभी तक हमने देखे नियम. अब कुछ अपवाद.

अंग्रेज़ी में लगभग सभी क्रियाओं के दूसरे व तीसरे रूप नियमानुसार ही बनते हैं. जिन क्रियाओं के दूसरे व तीसरे रूप नियमानुसार नहीं बनते ऐसी क्रियाओं की सूची नीचे दी गई है.

नोट: आगे क्रिया के सिर्फ पहले रूप का ही हिंदी में अर्थ दिया गया है. इसलिये दूसरे और तीसरे रूप का अर्थ शब्दशः कैसे होता है कुछ उदाहरणों से देख लीजिए.

पहला रूपदूसरा रूपतीसरा रूप
write-लिखनाwrote – लिखाwritten- लिखा हुआ
teach-सिखानाtaught -सिखायाtaught – सिखाया हुआ
forget-भूलनाforgot – भूलाforgotten-भूला हुआ
go -जानाwent- गयाgone- गया हुआ
change – बदलनाchanged – बदलाchanged-बदला हुआ

अनियमित क्रियाओं के रूप

क्रिया का पहला रूपदूसरा रूपतीसरा रूप
1) arise (अराइज़) उत्पन्न होनाarose (अरोज़)arisen (अरिज़न)
2) be (बी) होना, रहनाwas (वॉज़)been (बीन)
3) bear (बेअर) सहना; जन्म देनाbore (बॉर)borne (बॉर्न)
4) beat (बीट) मारना; दिल धड़कनाbeat (बीट)beaten (बीटन)
5) become (बिकम) होनाbecame (बिकेम)become (बिकम)
6) begin (बिगिन) शुरू करना/होनाbegan (बिगॅन)begun (बिगन)
7)bend (बेन्ड) झुकनाbent (बेन्ट)bent (बेन्ट)
8) bet (बेट) शर्त लगानाbet/betted (बेट/बेटिड)bet/betted (बेट/बेटिड)
9) bid (बिड) बोली लगानाbid (बिड)bid (बिड)
10) bid (बिड) आदेश देना, (कुछ करने के लिये) कहनाbade (बॅड)/bid (बिड)bidden/bid (बिड)

अध्याय 7

अंग्रेज़ी बोलने वाले की तरफ ज़रा देखिए

आपका इस किताब को खरीदने का निर्णय एकदम सही था (दूसरों को भी खरीदने के लिए करें). और अब इस किताब का आपने अध्ययन भी शुरू कर दिया यह और भी अच्छा हुआ. अंग्रेज़ी में बोलने के लिए लगने वाली सभी जानकारी आपके हाथों में है, यह आप अच्छी तरह जानते हैं. फिर भी किसी के मन में विचार आ सकता है कि यह सब तो ठीक है, परंतु क्या सचमुच मैं अंग्रेज़ी में बात कर सकूंगा? क्या मुझे अंग्रेज़ी बोलना आएगा?

वैसे तो ऐसा विचार आने का कोई कारण नहीं है. बल्कि यह विचार आपके मन में न आने के कारण हैं. यह शक आपके मन में नहीं आने के दो कारण हैं. ये दोनों कारण आपको मालूम होना आवश्यक है. इसका पहला कारण – आपके किसी भी परिस्थिति में अंग्रेज़ी बोल सकने का पहला कारण – मैं आपको बताने से पहले एक बात आप बताएँ, क्या आपने अभी तक किसी को अंग्रेज़ी में बात करते देखा है?

दरअसल यह प्रश्न केवल औपचारिकता के तौर पर पूछा गया है. क्योंकि अंग्रेज़ी बोलने वाले दुर्लभ नहीं हैं. वे कहीं भी नज़र आते हैं, जैसे रास्ते पर, टीवी पर या और कहीं भी. इसलिए आपने अंग्रेज़ी बोलने वालों को देखा है इसमें कोई संदेह नहीं. लेकिन अब तक जो आपने देखा है उसे फिलहाल भूल जाइए और इसके ब आपको अंग्रेज़ी बोलने वाला कहीं दिखाई

से देखिए – बहुत गौर से देखिए – और इतना ध्यानपूर्वक आप अंग्रेज़ी बोलने वाले की तरफ देखेंगे तो आपको इस बात का बहुत आश्चर्य होगा कि वह अंग्रेज़ी बोलने वाला.. आदमी है.

लेकिन इसमें आश्चर्य की क्या बात है? आदमी ही तो अंग्रेज़ी बोलते हैं. और यदि इसमें आश्चर्यजनक कुछ नहीं है तो यह हुआ आपके अंग्रेज़ी बोल सकने का पहला कारण.

अब दूसरा कारण – आपके अंग्रेजी बोल सकने का दूसरा कारण है मैं अंग्रेज़ी बोल सकता हूँ. मैं अपनी बात बता रहा हूँ. मैं अंग्रेज़ी बोल सकता हूँ इसकी याद दिलाने की कोई खास जरूर नहीं थी (ऐसा शायद किसी को लगे). लेकिन आपके अंग्रेज़ी बोल सकने का दूसरा कारण बताने के लिए यह बताना आवश्यक था. तो समझ में आ गया आपकी दूसरा कारण?

जिस आधार पर मैं अंग्रेज़ी बोल रहा हूँ, जो सीखकर मुझे अंग्रेज़ी बोलना आया है, वर सौखकर आपको अंग्रेजी बोलना न आए ऐसा नहीं हो सकता. जिस जानकारी के आधार पर है अंग्रेजी बोल रहा हूँ, वह सब जानकारी इस पुस्तक में है. इसलिए आप अंग्रेज़ी बोलेंगे इसमें कोई संदेह नहीं.

परंतु अंग्रेज़ी बोलने के लिए लगनेवाली यह जानकारी सिर्फ किताब में रहने से कोई फायर नहीं. आपके पास होना जरूरी है. और आपको यह जानकारी जरूरत पड़ने पर तुरंत याद आना भी जरूरी है. नहीं तो आपको हर वक्त इस किताब को अपने साथ रखना होगा. जब कभी किसी में अंग्रेजी में बात करने का अवसर आए तब उस व्यक्ति से कहना होगा, ‘आप जरा इस कुर्सी पर आराम से बैठिए’. और फिर किताब से वाक्य ढूँढ़ कर जब तक आप बोलें, तब तक पता नहीं वह आदमी उस कुर्सी पर रहेगा या नहीं. इसलिए जो आप सीख रहे हैं वह आपको याद रहना ज़रूरी है. उसके लिए बस थोड़े अभ्यास की ज़रूरत है. अभ्यास कैसे करना है, यह अच्छी तरह से समझ कर आज से ही शुरू करें. अभ्यास के लिए इस किताब में कुछ स्वाध्याय हैं ही. साथ ही हज़ारों वाक्य अंग्रेजी में बनाकर बताए गए हैं. इन उदाहरणों को भी आपको फिर से खुद करना है. अंग्रेज़ी में आसानी से और तुरंत कर सकने तक इन वाक्यों को बार बार अंग्रेज़ी में बनाना है. लेकिन आगे का (प्राथमिक स्वरूप का) अभ्यास आपको खुद करना है. इस अभ्यास का आपको किस तरह फायदा होगा मैं आपको उदाहरण सहित बताऊंगा. परंतु पहले अभ्यास का स्वरूप समझ लें.

आपने अब तक सीखी हुई सभी रचनाएँ और कुछ रचनाएँ जो आगे आएंगी, और आगे आने वाली सहायक क्रियाएँ (जैसे, can, could, should, do, does, did आदी) इन सभी का प्रयोग करके आपको खुद 25 – 25 वाक्य बनाने हैं. इस अभ्यास के दौरान बहुत बड़े वाक्य बनारे की जरूरत नहीं है. छोटे वाक्य बनाना ही काफी है. मूल रचना हमें याद हो जाए यही इस अभ्यास का उद्देश्य है.

इस किताब की पहली रचना हमने सीखी सामान्य वर्तमानकाल की :- कर्ता + क्रिया का पहला रूप (s)….

इस रचना से 25 वाक्य इस तरह बनाए जा सकते हैं. सामान्य वर्तमानकाल का एक छोटासा वाक्य हिंदी में अपनी कापी में लिखें. जैसे, मैं जाता हूँ. उसके सामने लिखें रचनानुसार अग्रभा वाक्य – 18०. उसके बाद अगला वाक्य में आता हूँ – I come, में हँसता हूँ – 1 laugh, दौड़ता हूँ – 1 run. इसी प्रकार – मैं खाता हूँ, पीता है, उठता हूँ, बैठता हूँ, चलता हूँ, बेचता है, चलाता हूँ, पढ़ता हूँ इस तरह 25 वाक्य पूरे करें.

लिखते वक्त अंग्रेज़ी वाक्यों को पढ़ें. इन 25 वाक्यों के लिए 25 क्रियाएँ निश्चित करके हर रचना के वाक्य बनाते वक्त बार बार उन्हीं क्रियाओं का प्रयोग किया जा सकता है.

यहाँ सामान्य वर्तमानकाल का अभ्यास समाप्त नहीं हुआ. इस काल की रचना में कोष्ठक में 5 दिखाई देता है. और सही जगह पर क्रिया में अपने आप 5 लगाने की आदत हो जानी चाहिए, उसके लिए क्रिया में 5 लगे हुए 25 वाक्य एक के नीचे एक लिखें. जैसे, वह आता है – He comes, वह हँसता है – He laughs, वह खाता है He eats, वह जाता है – He goes…. ऐसा 25 वें वाक्य तक. और लिखते वक्त बोलें. इसी प्रकार सामान्य भूतकाल के 25 वाक्य, सामान्य भविष्यकाल के 25 वाक्य, अपूर्ण वर्तमानकाल के 25 वाक्य…. करते जाएँ.

नोट :- केवल 25 वाक्य बनाना हमारा उद्देश्य नहीं है. हमारा उद्देश्य है सीखी हुई बातों को याद करना. यदि 25 वाक्य उसके लिए पर्याप्त न लगें तो अधिक वाक्य भी आप बना सकते हैं.

अब आप एक आखिरी बात बताएँ हम जब कोई काम करते हैं, उदाहरण के लिए – जैसे हिंदी याक्य अंग्रेजी में बनाते हैं, क्या तब हमारा पूरा ध्यान उस वाक्य को अंग्रेज़ी में करने की ओर होना जरूरी है? या संपूर्ण ध्यान न होने पर भी हमारा अंग्रेज़ी का वाक्य सही बन सकता है?

कई सोचेगा, ध्यान तो होना ही चाहिए. उसके बगैर कोई भी काम सही कर सकना कैसे संभव है. जैसे हम हिंदी में बात करते वक्त सदैव हमारा ध्यान हम हिंदी का वाक्य सही बोल रहे हैं या नहीं इस तरफ होता है. और इधर उधर ध्यान जाने से कई बार हमारा वाक्य गलत भी हो जाता है. जैसे कहीं दूसरी तरफ ध्यान बँट जाने से हम गलती से कह देते हैं: रमेश आई, लता गया, वे आबा, वगैरह. तो ध्यान नही होने से ऐसा हो जाता है.

इसी प्रकार यदि कोई साइकिल चलाते वक्त उस साइकिल के हैंडल, पैडल और ब्रेक की तरफ लगातार ध्यान न दे तो वह साइकिल पर से धड़ाम से गिर पड़ता है. और आप रोज़ देखते ही हैं कि कितने लोग साइकिल से गिरते रहते हैं (ध्यान न होने के कारण).

लेकिन आज तक मैंने ऐसा नहीं देखा कि लोग साइकिल पर से सिर्फ इसलिए गिर पड़े क्योंकि उनका ध्यान हैंडल की तरफ नहीं था. मैंने तो देखा है कि अक्सर दो साइकिल सवार आविस में ब करते हुए साइकिल चलाते हैं. और पेडल बो देखयार रहे हैं या नहीं इसकी तरफ उनका विशेष ध्यान नहीं रहता. फिर भी वे गिरते नहीं (और यदि गिरे तो उसका कोई और कारण हो सकता है). इसक तरह हिंदी बोलते वक्त आपका ध्यान कहीं भी हो रमेश आई, लता गया, वे आया ऐसा आ बोल ही नहीं सकते.

यह कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि आपको एक बार आदत होने की आवश्यकता है. आदत होने पर आपको यह सोचने की जरूरत नहीं पड़ती कि 1 के साथ have आता है या has He के साथ has आता है या have. आपका ध्यान कहीं पर भी रहे आप 1 के साथ have और he के साथ has ही बोलेंगे. ईश्वर ने ऐसा इंतजाम किया है, इसीलिए हम अंग्रेज़ी सीख सकते हैं, और बोल सकते हैं. आदत होने की वजह से ऐसे कितने ही काम हम रोज़ अपने आप करते हैं इसके उदाहरण आपके पास कम नहीं है.

आपने सुना होगा कि कुछ लोग आँखें बंद करके भी टाइपिंग कर सकते हैं. इसमें आश्चर्यजनक कुछ भी नहीं है, कोई भी कर सकता है. आप कर सकते हैं, मैं कर सकता हूँ – सिर्फ पर्याप्त कीमत देनी पड़ेगी. परंतु पहले ही दिन कोई यदि आँखें बंद करके टाइपिंग के लिए बैठ जाए तो वह थोड़ी देर इधर हाथ मारेगा, थोड़ी देर उधर मारेगा. बाद में उसे पता चलेगा कि मशीन तो दूसरी तरफ थी.एक आखिरी उदाहरण.यह समझने के लिए कि यदि कोई बात हमें मालूम हो, हमें समझ जाए, लेकिन उसकी हमें आदत नहीं हुई हो तो उस बात का तुरंत और आसानी से प्रयोग करना मुश्किल हो सकता है. जैसे, आपको अंग्रेज़ी के 26 अक्षर A से Z तक अच्छी तरह से मालूम हैं. सिर्फ मालूम ही नहीं बल्कि याद हैं. इसलिए आप लगातार A, B, C, D, E, F, G, H,…. ऐसा Z तक पढ़ सकते हैं. सोचने के लिए बगैर रुके. लेकिन इन्हीं 26 अक्षरों को यदि उलटे क्रम से हमने पढ़ना शुरू किया यानी Z से A तक, तब सभी अक्षर मालूम होने के बावजूद हम उन्हें तेज़ी से नहीं पढ़ सकेंगे. लेकिन यदि हम रोज़ Z से A तक पढ़ने का अभ्यास करें तो जल्द ही वैसा भी हम आसानी से पढ़ सकेंगे.

आदत पड़ने की जरूरत, आदत के फायदे, और आदत होने के लिए क्या किया जा सकता है इतना हमने यहाँ देखा. अब अगले प्रकरण में हमें लेनी है प्रश्नवाचक वाक्यों के बारे में संपूर्ण बुनियादी जानकारी.

आसान बनने से पहले हर काम मुश्किल होता है.

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